सीएचसी साऊंघाट में कैंसर शिविर का हुआ आयोजन
बस्ती-सीएचसी साऊंघाट में गोरखपुर के हनुमान प्रसाद पोददार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान द्वारा नि:शुल्क कैंसर शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 117 मरीजों में कैंसर संबंधित प्राथमिक लक्षण की जांच की गई। मरीजों की समस्या समझकर कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ० सीपी अवस्थी एवं डॉ० राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा मरीजों की जांच कर कैंसर के होने के लक्षण की जांच कर परामर्श दिया गया हैं। कैंसर के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को इसके इलाज के बारे में पूर्ण जानकारी दी गई। कैंसर के मरीजों को नि:शुल्क दवा का वितरण किया गया हैं। कैंसर जागरूकता में डॉ० राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि यदि लगातार खांसी में खून का आना, आंत्र की आदतों में बदलाव, मल में खून आना, अस्पष्टीकृत एनीमिया, स्तन में गांठ या स्तन से स्राव होना, अंडकोष में गांठें तथा पेशाब में बदलाव होना, पेशाब से खून आना, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठना, लगातार गांठें या सूजी हुई ग्रंथियां, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक मस्से या तिल में स्पष्ट परिवर्तन, बड़े तिल या बहुरंगी तिल जिनके किनारे अनियमित हों या जिनमें खून बह रहा हो, अपच या निगलने में कठिनाई, असामान्य योनि से रक्तस्राव या स्राव, अप्रत्याशित वजन घटना, रात को पसीना आना या बुखार, मुंह में ठीक न होने वाले घाव या मसूड़ों, जीभ या टान्सिल पर लगातार सफेद या लाल धब्बे, गंभीर असहनीय सिरदर्द जो सामान्य से अलग महसूस हो, अधिक समय तक पीठ दर्द, पेल्विक दर्द, सूजन या अपच आदि कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसे में कैंसर के चिकित्सक से सलाह जरूर लेना चाहिए। ताकि समय से पहले पता चल सके। जिससे कि कैंसर हो तो उसका तुरंत एवं उचित इलाज हो सके।
शिविर प्रबंधक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली ने कैंसर के आंकड़ों में वृद्धि को प्रभावित किया है। कैंसर धूम्रपान, शराब, गुटका तंबाकू, खैनी, दोहरा, हुक्का आदि का सेवन न करके कैंसर से बचा जा सकता है। तेजी से भागती जीवनशैली में लोगों के पास अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं है। इसलिए वे आधुनिक खान-पान की आदतें फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन करते हैं, जिससे मोटापा बढ़ता है, जो बहुत हानिकारक है। कहा कि अधिक लोग डेस्क जाब कर रहे हैं। जिसमें अक्सर लोग प्लास्टिक की थैलियों में दुकान से गर्म चाय, गरम सब्जी या अन्य सामान मंगवाते हैं, जिसे वे खा या पी लेते हैं। प्लास्टिक में गरम खाना व प्लास्टिक की बाटल में पानी पीने से, उसमें से निकलने वाले केमिकल के कारण ही धीरे धीरे उनके पेट के आंतड़ियों में कैंसर बनाता है। प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें। जहां तक हो सके प्लास्टिक के बर्तन में गरम खाना न खायें, प्लास्टिक के बोटेल में पानी का उपयोग न करने की सलाह दिया हैं। जोर देकर कहा कि गर्म चाय व काफी प्लास्टिक के कप में न पियें। शिविर में महिलाओं को स्तन परीक्षण की स्व-तकनीक बताई, ताकि वह हर 15 दिन पर खुद जांच करती रहें, यदि कोई गांठ या सीने में दर्द होता है, तो तुरंत कैंसर चिकित्सक से संपर्क करें। ताकि उसका सफल इलाज हो सके। 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को कैंसर, विशेष रूप से गर्भाशय, ग्रीवा और स्तनों के लिए परीक्षण करना चाहिए। क्योंकि प्रारंभिक युवा अवस्था में निदान होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डॉ० एके सिंह, डॉ० राकेश श्रीवास्तव, डॉ० वैष्णवी त्रिपाठी, डॉ० शशि, अजय श्रीवास्तव, सत्यवती तिवारी, अतुल पांडेय, एसके श्रीवास्तव, विनय, शैलेश, नारद मुनि, रामसूरत सिंह सहित लोग मौजूद रहे।