सांवा, कोदो की बुवाई करवाकर खुद प्रयोग करते हैं महादेवा विधायक -दूधराम!
अनेक रोगों में रामबाण की तरह करता हैं फायदा!!
बस्ती- श्रीअन्न के रूप में जाना जाता हैं सांवा, कोदो, मडुआ, ज्वार, वाजरा, मक्का व रामदाना
जनपद में ना के बराबर किसान करते हैं सांवा, कोदो की खेती!
श्री अन्न के नाम से मसहूर सांवा, कोदों, मडुआ(रागी), ज्वार, बाजरा, मक्का एवं रामदाना की खेती जनपद में किसान अब न के बराबर करते हैं। जबकि इन फसलों की खेती व पैदावार जनपद में पहले काफी अधिक होता था। जिसका प्रयोग सभी बड़े चांव से करते थे। पर धीरे धीरे आधुनिकता व अधिक पैदावार की लालच में किसानों ने इन श्री अन्नों की खेती करना बंद कर दिये। जिसका दुष्परिणाम ये हो रहा हैं कि आज प्रत्येक घरों में एक न एक विमारी ने जन्म ले लिया हैं।
पर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महादेवा विधायक दूधराम द्वारा सांवा, कोदों एवं मडुआ की खेती किया जाता हैं। शुक्रवार को विधायक द्वारा सांवा व कोदों की दवांई थ्रेसर द्वारा अपने घर पर कराया जा रहा था। विधायक ने कहा कि हम प्रत्येक वर्ष श्री अन्न की बुवाई स्वयं के प्रयोग के लिए करवाते हैं। कहा कि पक्के दस विस्से में कोदों की बुवाई तथा पक्के छः विस्से में सांवा की बुवाई अपने खेत में करवाएं थे। कहा कि दो कुन्तल कोदों तथा 50 किलो सांवा की पैदावार हुई हैं। पुंछ्ने पर बताया कि मुझे सुगर के साथ ही कई अन्य रोगों ने जकड़ लिया हैं। बताया कि डॉक्टर के कहने पर कि आप सांवा, कोदों का प्रयोग खाने में करें। तभी से हमने सांवा, कोदों सहित श्री अन्न की खेती करने लगा। कहा कि जब से हम श्री अन्न का प्रयोग करने लगे हैं, तभी से हमें काफी फायदा मिला हैं। हम काफी स्फूर्ति महसूस करते हैं। मेरा सुगर, बीपी व अन्य रोग अब कंट्रोल रहता हैं। कहा कि इन अन्नों से रोटी, चावल व खीर बनवा कर खाता हूँ और पुरे क्षेत्र में दौड़ता हूँ। विधायक ने किसानों एवं आम लोगो से अपील किया है कि इन श्री अन्न का प्रयोग एक टाइम अवश्य करें। कहा कि सरकार भी श्री अन्न के उपज के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहीं हैं।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पैंड़ा खरहरा के डॉ० इन्द्रबहादुर यादव ने बताया कि सांवा, कोदों, मडुआ में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर एवं विटामिन पाया जाता हैं। जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं। कहा कि शरीर के कई रोगों को दूर भगाने में सहायक होते है।
एडीओ एजी सूरज कुमार वर्मा ने कहा कि राजकीय कृषि बीज भंडार सिहारी से सांवा, कोदों, मडुआ का बीज कृषकों को सरकार द्वारा फ्री में दिया जाता हैं। पर, काफी प्रयास के बाद भी किसान इन अन्नो की खेती करने से साफ मना कर देते हैं। कहते हैं कि अगर पैदावार हुई तो कौन खरीदेगा, इसकी खपत कहा की जाएगी सहित जानकारी लेने के बाद भी किसान बुवाई नहीं करते हैं।
प्राविधिक सहायक कृषि विभाग साऊंघाट के शिवपाल यादव कहते हैं कि सांवा, कोदो, मडुआ, ज्वार, वाजरा, मक्का व रामदाना में प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्व भरे रहते हैं। पहले के लोग इन्ही श्री अन्नों का सेवन कर सौ, सौ के पार जीवित रहते थे। कहा कि इन श्री अन्नों के सेवन से हृदय रोग, पाचनतंत्र, वजन कम करना, कब्ज दूर भगाना, ब्रेन स्ट्रोक, शरीर दर्द, सुगर, बीपी जैसे महत्वपूर्ण रोगों को कोसो दूर भगाता है। जब से इन श्री अन्नों का सेवन बंद या काफी कम हुआ हैं, तब से प्रत्येक घरों में रोगी पैदा होना शुरू हो गये हैं। कहा कि इन श्री अन्नों से रोटी, पकौड़ी, विस्किट, जैम, उपमा, खीर, डोसा आदि बनाकर बहुराष्ट्रीय कंपनिया अच्छा पैसा कमा रहीं हैं।