*सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन*
*संत कबीर नगर।* आज दिनांक 2 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन इकाई खलीलाबाद संत कबीर नगर के बैनर तले सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों ने (SPES) समस्याओं को लेकर उनके नियोक्ताओं द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की अनुचित श्रम प्रथाओं जैसे :- स्थानांतरित करना, उनका काम रोकना, नौकरी से बर्खास्त करना , फर्जी मुद्दे बनाकर कर्मचारियों का वेतन रोकना एवं यात्रा भुगतान रोकना व अन्य श्रम कानूनो का उल्लंघन व धमकी देना, अपमानित करना, झूठी पुलिस शिकायत दर्ज करना आदि के विरोध में 29 सूत्री मांगों को लेकर जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर से न्याय की गुहार लगा कर ज्ञापन सौंपा।
कर्मचारियों की मांगे जैसे :- चार श्रम संहिताओं को निरस्त कर मौजूदा श्रम कानून को जारी रखें ,निश्चित अवधि रोजगार न दें, नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारी छटनी स्थानांतरण न
किया जाए ,नौकरी से न निकाला जाय, समय पर पूरा वेतन भुगतान करें ,अधिनियम 1976 की अनुपालना सुनिश्चित किया जाए, अधिनियम 1976 के तहत बिक्री संवर्धन कर्मचारियों के लिए वैध कानून बने ,निगरानी ,ट्रैकिंग, गोपनीयता में घुसपैठ को रोके, अधिनियम 2015 के अनुसार (SPES) को बोनस भुगतान सुनिश्चित करें, अधिनियम की धारा 1948 के तहत चिकित्सा, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाए, भविष्य निधि अधिनियम 1952 का पालन सुनिश्चित किया जाए, दैनिक व यात्रा भत्ता में वृद्धि करें, श्रम कानून का उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं को दंडित करें, अधिनियम की धारा (2Z) मैं संशोधन कर कर्मचारियों को वर्कमैन की परिभाषा में सम्मिलित करें, मजदूर के इपीएफ, इपीएस, तथा ईडीएल आई, का भुगतान न करने वाले नियोक्ताओं के दंड को कम करने या बदलाव करने की अधिसूचना को निरस्त किया जाए, कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26000 रुपया करने की घोषणा करें, इपीएस पेंशन भोगियों का न्यूनतम पेंशन₹9000 प्रति माह किया जाए, सेल्स कर्मचारियों का 8 घंटे कार्य दिवस घोषित करें, अस्पतालों संस्थाओं मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के काम को अपराधिक कृत न माना जाए, और न ही मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा जाए, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी शून्य करें, सभी दावाओ की कीमतों पर नियंत्रण लगाएं, बाजार आधारित मूल्य निर्धारण प्रणाली को वैध बनाना बंद करें, दवा क्षेत्र में कॉर्पोरेट भ्रष्टाचार को रोकने के दंड के प्रावधान के साथ विपणन का वैधानिक कोड तैयार करें, दावों की ऑनलाइन बिक्री बंद करें यह प्रथा ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के विपरीत है, आशंका है ऑनलाइन फार्मेसी के माध्यम से तर्कहीन और गैर आवश्यक दवाओ के प्रचार की संभावना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से रविकांत गोस्वामी (अध्यक्ष), अंकुर गोस्वामी, मनोज ओझा, अफरोज आलम, प्रियांशु यादव, चंद्रेश चौहान सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।।