सदगुरु कबीर का 507वें महा परिनिर्वाण दिवस पर सतमार्ग पर चलने का लिया गया संकल्प
संतकबीर नगर- मगहर- सदगुरु कबीर का 507वां महा परिनिर्वाण दिवस धुमधाम से मनाया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रदेश के कोने कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं और कबीर पंथियो ने भव्यता प्रदान की। इस दौरान हुए विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न हुए जिसमें सभी ने सहभागित निभाते हुए सद्गुरु के सतमार्ग पर चलने का संकल्प लिया। जो देर रात चौका आरती व आमी पूजा के साथ सम्पन्न हुआ।
कबीर चौरा मठ महंत विचार दास ने प्रवचन के दौरान कहा कि कबीर साहेब के परम चेतना को जगाने मात्र से परमात्मा का अंश हम सभी के सांस में विराज मान है। मनुष्य यदि मौन रख भक्ति साधन में लीन हो कर साधना करता है तो अवश्य परम पिता परमेश्वर से जुड़ सकता है। उन्होंने कहा कि जब हम मन से एकाग्र हो कर जागेंगे तभी परमात्मा तक पहुंचने का रास्ता मिलेगा और जीवन से दुख की समस्या निकल जाएगी।कबीर साहेब ने कहा कि सदगुरू मिले तो ज्ञान की चेतना मिली। जब ज्ञान की चेतना से ज्योति को पाने व पहचाने का सामर्थ्य मिला है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय दर्शन में दो परम्परा है।जिसमें एक साधन और दूसरा भजन से सद गुरु की कृपा प्राप्त कर सकते है। सहज व नम्रता से सद्गुरू को प्राप्त कर जीवन में कांटे के समान परेशानी को दूर कर सकते हैं। व्यक्ति अपनी वाणी से दुष्ट चरित्र वाले को भी अपना बना लेता है। वहीं कटु वचन बोलने वाला मनुष्य समाज को कांटे की तरह चुभता है। इस लिए व्यक्ति को हमेशा संयमित और मधुर वचन बोलना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में आये लोगो से अपील करते हुए कहा कि कबीर के विचारों को जीवन में अंगीकृत करने मात्र से उनका भविष्य संवार सकता हैं। इस अवसर पर अनुराधा मध्यप्रदेश, राजेश दास, गुजरात से धीरू भाई, बिहार से किशन दास, दुर्गेश दास, सावित्री देवी बीजक पाठ में लालचंद दास, अमरदास साहेब, संत राजेश दास, रामशंकर यादव, संत केशव दास, ननका दास, संत राम लखन दास उर्फ लाल बाबा, संत अरविंद दास शास्त्री, कल्पनाथ दास, वैद्य राम शरन दास, संत शान्ति दास पुजारी, डा.हरिशरण शास्त्री, कन्हैया दास, संत सोहम दास, रोहित दास आदि मौजूद रहे।