सदगुरू कबीर का अंतर्ध्यान दिवस चौका आरती गुरू पूजा व गुरू दीक्षा से हुआ सम्पन्न
संतकबीर नगर- मगहर- संत कबीर नगर स्थित मगहर में सदगुरू कबीर के 507 वें अंतर्ध्यान दिवस के मौके पर दो दिवसीय समारोह आयोजित किया गया। जिसके अंतिम दिन शनिवार की देर शाम चौका आरती, गुरू पूजा एवं गुरू दीक्षा के साथ सम्पन्न हुआ। इस मौके कबीर मठ के महंत विचार दास ने दर्जन भर लोगों को दीक्षा दी।कबीर पंथी संतों के कबीर नारे से पूरा माहौल कबीरमय हो गया।
कबीर चौरा मगहर में आयोजित अंतर्ध्यान दिवस समारोह के अंतिम दिन देर शाम चौका आरती एवं गुरू पूजा के समापन के अवसर पर महंत विचार दास ने कहा कि कबीर साहेब ने किसी इन्सान को गुरू नहीं माना बल्कि निराकार ब्रह्म को गुरू मान कर उसकी पूजा करने की बात कही है। उनके अनुसार किसी मनुष्य से गुरू दीक्षा तभी लेनी चाहिए। जब उसके अंदर किसी प्रकार का अवगुण न हो।उन्होनें कहा कि सच्चा गुरू ही सदमार्ग पर चलने की शिक्षा देता है। ऐसे गुरू की दीक्षा लेने से मानव जीवन सफल हो जाता है। कबीर साहेब ने धार्मिक कट्टरता, रूढ़िवाधिता का खिलाफ रहे। कार्यक्रम की शुरुआत चौका आरती से हुआ उसके महंत विचार दास ने राम शंकर यादव मगहर, लाल बहादुर पासवान, अमोल बलरामपुर, प्रभू लाल मध्यप्रदेश सहित दर्जन भर भक्तों को गुरु दीक्षा दिया। इस मौके पर डा. हरिशरण शास्त्री, संत केशव दास, अरविंद दास शास्त्री, कल्पनाथ दास, वैद्य राम शरन दास, प्रह्लाद दास, संत शान्ति दास , राजेश दास, दुर्गेश दास, श्याम धनी दास, विवेक दास, रोहित दास, रामसेवक दास, संत सोहन दास, सोनमती, दीनदयाल दास, धर्म दास, उमेश दास, मनोज दास, विनोद दास, दिनेश दास, अवधेश दास, राजेन्द्र दास सहित तमाम कबीर पंथी एवं कबीर अनुयाई मौजूद रहे।