नेपाल ने कोसी और गंडक बराज से 10.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा; बांध टूटा, बाढ़ की तबाही हुआ शुरू
बिहार: जलस्तर में बढ़ोतरी के मद्देनजर नेपाल प्रभाग स्थित कोसी बराज से वाहनों का परिचालन पूरी तरह रोक दिया गया है। डीएम ने बताया कि संभावित बाढ़ और कटाव के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। कोसी के अभियंताओं को भी तटबंध की सतत निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं।
नेपाल प्रभाग में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी एक बार फिर उफान पर है। बीते 24 घंटों में ही कोसी नदी के जलस्तर में करीब 4 लाख क्यूसेक का उछाल आया है। नेपाल के बराह क्षेत्र में दोपहर 01 बजे 4 लाख 45 हजार 550 क्यूसेक पानी और कोसी बराज से पांच लाख 21 हजार 455 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। कोसी के उफान से सुपौल सहित, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर जिलों में भारी तबाही मचने की आशंका थी। कुछ घंटे बाद शाम चार बजे अपडेट आया कि नेपाल ने कोसी बराज वीरपुर से 549500 और गंडक बराज वाल्मीकिनगर से 501650 क्यूसेक पानी छोड़ दिया है। फिर शाम छह बजे कोसी बराज का डिस्चार्ज बढ़कर 5,67,760 हो गया। इसके साथ ही बिहार में बाढ़ की तबाही शुरू हो गया है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट जारी किया है। इस बीच, नेपाल के फतुहा पुल के समीप (लालबकेया) नदी का बांध टूटने से भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की तबाही का डर सामने आ गया है।
आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है
इधर, जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए नेपाल प्रभाग स्थित कोसी बराज से वाहनों का परिचालन पूरी तरह रोक दिया गया है। सुपौल में जिलाधिकारी कौशल कुमार खुद ही तटबंध के इलाकों की निगरानी में निकले हुए हैं। उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटों में नेपाल प्रभाग स्थित कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में 200 एमएम से भी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके कारण कोसी नदी अचानक उफनाई है। प्रशासन की ओर से माइकिंग कराई जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए अपील की जा रही है। प्रशासन की माइकिंग में स्पष्ट किया गया है दोपहर 12 बजे की संभावित कोसी बराज का डिस्चार्ज बीते 56 वर्षों में सर्वाधिक है। डीएम ने बताया कि संभावित बाढ़ और कटाव के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। कोसी के अभियंताओं को भी तटबंध की सतत निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।