जाति प्रमाण पत्र न मिलने के कारण 17 जातीयां परेशान
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रिपोर्ट मोहम्मद हमजा
आज दिनांक 18/02/25 को जनपद संत कबीर नगर के जिला अधिकारी कार्यालय पर अध्यक्ष हरिश्चंद्र निषाद (एडवोकेट) भारतीय निषाद एकता संघ ने जिला अधिकारी को ज्ञापन देते हुए बताया कि। 17 जातियों का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र पहले बनता था और उनको लाभ भी मिलता था। परंतु 1957 ई के बाद इन जातियों का बिना किसी कारण के जाति प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया। जो इन जातियों के साथ अन्याय हुआ। यह 17 जातियां केवट, कुम्हार, प्रजापति, मांझी, कहार,मछुआ,धिवर, निषाद, मल्लाह,बाथम,राजभर,धीमर, रायकवार,चाई,तोमर,गोडिया है। विगत कुछ दशक से इन जातियों को दोबारा अनुसूचित जाति में सूचीबद्ध करने को लेकर राज्य सरकार पहल कर रही है। जो की पूरी तरह से अंसबैधानिक एवं गैर कानूनी है। उन्होंने ज्ञापन देते हुए मांग किया कि आप 1957 ई की गजट का अवलोकन कर इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निर्गत करने का दिशा निर्देश जारी करें ताकि इन जातियों के साथ सामाजिक न्याय हो सके। आपसे विनती है कि इस कार्य पर तत्काल अविलंब कार्यवाही करें।