हाथ तोड़ने के आरोपी तीन भाई दोषसिद्ध , एससीएसटी कोर्ट ने एक वर्ष के परीवीक्षा पर छोड़ा
-एससीएसटी के आरोप में सभी आरोपी दोषमुक्त , वादी मुकदमा को छः हजार रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश
-परिवीक्षा काल के दौरान अपराध करने पर कोर्ट सुनाएगा दण्डादेश
संत कबीर नगर । मारपीट कर हाथ तोड़ देने के आरोपी तीन भाईयों को एडीजे व विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए सशर्त एक वर्ष के परिवीक्षा पर छोड़ने का फैसला सुनाया । आरोपी भाईयों शिव चरन , सोमई व कोईल को सदाचरण बनाए रखने की शर्त पर 25 हजार रुपए के व्यक्तिगत बंधपत्र व समान धनराशि के दो जमानतनामा पर एससीएसटी एक्ट की कोर्ट ने रिहा किया । परिवीक्षाकाल के दौरान कोई अपराध कारित करने पर दण्डादेश के विन्दु पर आदेश पारित करने का भी फैसला दिया । कोर्ट ने आरोपियों को एससीएसटी एक्ट के आरोप में दोषमुक्त करने का फैसला दिया । इसके साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी को दो – दो हजार कुल 6 हजार रुपए क्षतिपूर्ति के रुप में वादी मुकदमा को देने का भी फैसला दिया ।
विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि मामला जिले के कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के नगर पंचायत मगहर के मोहल्ला तिवारीपुर टोले का है । प्रकरण में रामचन्दर ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उनका आरोप था कि दिनांक पांच जनवरी 2011 को सुबह साढ़े आठ बजे अपने मकान से निकल कर दरवाजे पर पंहुचा था । इतने में पुरानी रंजिश को लेकर शिव चरन , टांसे , सोमई व कोइल पुत्रगण लाले निवासी मोहल्ला मोहनलाल पुर लाठी डंडा लेकर खटिक जाति की गाली देते हुए मारने पीटने लगे । बचाव करने पुत्र सोनू आया तो उसे भी मारे । मारने से मेरा बांया हाथ टूट गया । पुलिस ने मारपीट व एससीएसटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत किया । विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि विचारण के दौरान एक आरोपी टांसे की मृत्यु हो गई । अभियोजन ने कुल 6 साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किया । एडीजे व विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात आरोपियों को मारपीट कर हाथ तोड़ने के आरोप में दोषसिद्ध करार दिया । जबकि एससीएसटी एक्ट के आरोप में दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया ।