गोरखपुर- डा0 अनुज सरकारी प्रकरण में आया कोर्ट का फैसला!
गोरखपुर- विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने दलित सिपाही के साथ कि गयी बर्बरता में और जान मारने की नीयत से मारकर अधमरा कर देने के प्रकरण में माननीय न्यायालय विशेष न्यायधीश (एस.सी./एस.टी.एक्ट) गोरखपुर द्वारा डाॅ अनुज सरकारी उनकी पत्नी डाॅ माधवी सरकारी और उनके गुण्डों के विरूद्ध भा.द.वि. धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किये जाने के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह सत्य और न्याय की जीत है। उन्होने कहां कि न्यायपालिका पीड़ितों, शोषितों, वंचितों तथा अन्याय और जुर्म का शिकार हुए लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध लोकतंत्र द्वारा स्थापित संस्थान आज माननीय न्यायालय द्वारा पारित इस आदेश से लोकतंत्र में गहरी आस्था रखने वाले लोगों का विश्वास बड़ा है। न्यायालय के आदेश से यह सिद्ध हो गया कि अपराधी चाहे कितने भी रसूख वाला हो न्याय के मंदिर में उसके ताकत, पैसे और प्रभाव को दरकिनार कर पीड़ित के हित की रक्षा को प्रतिबद्ध है। ज्ञातव्य है कि दिनांक 03 व 04 अक्टूबर 2024 को उत्तर प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल पंकज कुमार अपनी बीमार पत्नी को दिखाने डाॅ0 सरकारी के उपरोक्त अस्पताल पर गया था वहां अल्ट्रा साउंड की दोगुनी फीस वसूले जाने के बावत पूछ-ताछ करने मात्र पर डाॅ अनुज सरकारी ने उपरोक्त सिपाही को जातिसूचक गालियाँ देते हुए मारा-पीटा बाद में उपरोक्त अस्तपाल में डाॅ सरकारी द्वारा रखे गये गुन्डों ने लोहे की राड से मारकर सिपाही बुरी तरह घायल कर दिया बाद में डाॅ सरकारी की पत्नी ने उपरोक्त सिपाही को अपने कमरे में जबरिया खिंचवा कर र्निवस्त्र कर स्वयं भी मारा और अस्तपाल के कर्मचारियों ने भी लाठी-डन्डे व राड से मारकर सिपाही को अधमरा कर दिया तथा अपने पैसे पावर, रसूख और प्रशासन में अपनी पकड़ के कारण पीड़ित सिपाही को ही मनगढं़त कहानी गढ़कर जेल भेजवा दिया। अत्याचार और क्रुरता की पराकाष्ठा के बाद भी प्रशासन द्वारा आरोपी डाक्टर के पक्ष में आकर सिपाही को प्रताड़ित करते हुए जेल भेज दिया गया। जिसके कारण नागरिकों का गुस्सा और रोष बढ़ा जन भावना का सम्मान करते हुए उक्त पीड़ित सिपाही को न्याय दिलाने के लिये मेरे साथ संघर्ष में साथ देने वाले सभी अधिवक्ताओं बुद्धिजीवियों, नौजवानों, छात्रों तथा लोकतन्त्र में गहरा विश्वास रखने वाले हजारों लोगों ने आन्दोलन किया। मैंने जनहित में इस प्रकरण को विधान परिषद में रखकर इसके जांच की मांग की विधान परिषद के सभापति द्वारा कार्यवाही के स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी आरोपी डाक्टर के पैसे और प्रभाव के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई पीड़ित सिपाही न्याय के लिये भटकता रहा। न्यायालय के आदेश से लोकतन्त्र के प्रति लोगों में आस्था बढ़ी है। पीड़ित को न्याय दिलाने में हमारे संघर्ष में साथ निभाने वाले सभी लोगों का धन्यवाद देता हूँ। प्रशासन न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में तत्काल सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करें एवं प्रकरण में शीघ्रातिशीघ्र आरोप पत्र दाखिल कर आरोपी डाक्टर व उसकी पत्नी तथा उसके गुन्डों को जेल भेजना सुनिश्चित करें।