दलित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोपियों को उम्रकैद
-एससीएसटी कोर्ट की तल्ख टिप्पणी , ऐसा कृत्य सभ्य समाज पर काला धब्बा
-कोर्ट का डीएम को निर्देश , घटना की पुनरावृत्ति न हो , सरकारी योजना से बनवाएं शौचालय
-आरोपियों पर लगाया दो लाख दो हजार रुपए का अर्थदण्ड , पीड़िता को मिले सम्पूर्ण धनराशि
संत कबीर नगर । दलित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के दो आरोपियों को दोषसिद्ध करार देते हुए एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने आजीवन कारावास का सजा सुनाया । आरोपी ग्यासुद्दीन व शाह आलम उर्फ बाढ़ू पर शौच के लिए गई दलित महिला को बलपूर्वक उठाकर बाग में ले जा करके दो घंटे तक बारी – बारी से दुष्कर्म करने के आरोप लगाया गया था । कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कृत्य सभ्य समाज के लिए काला धब्बा है । एससीएसटी कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो , इसके लिए सरकारी योजना से शौचालय बनवाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया जाए । सजा के अलावा कोर्ट ने आरोपियों पर दो लाख दो हजार रुपए के अर्थदण्ड का भी निर्णय दिया । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपियों को छः माह का कठोर कारावास भुगतना होगा । कोर्ट ने अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को भुगतान करने का भी निर्णय दिया है ।
विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि प्रकरण महुली थानाक्षेत्र के एक गांव का है । मामले में पीड़िता ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उसका आरोप था कि दिनांक 9 सितम्बर 2021 को शाम लगभग सात बजे घर से बाहर शौच के लिए गई थी । आरोपी ग्यासुद्दीन पुत्र फिरोज खां व शाह आलम उर्फ बाढ़ू पीड़िता को अकेला देखकर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर पीछे से हाथ पकड़कर बलपूर्वक उठाकर गांव के बगीचे में ले जा करके बारी – बारी से दो घंटे तक दुष्कर्म किया । साथ ही धमकी दिया कि किसी को बताओगी तो जान से खत्म कर देंगे । विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि अभियोजन की तरफ से 12 साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । जबकि बचाव पक्ष की तरफ से एक साक्षी की गवाही कराई गई । अभियोजन साक्षियों ने घटना का समर्थन किया । एडीजे व विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने पक्षों को सुनने के पश्चात ग्यासुद्दीन व शाह आलम उर्फ बाढ़ू दोनों आरोपियों को दोषसिद्ध करार दिया ।

