दहेज हत्यारोपी पति को 10 वर्ष का कारावास , 15 हजार रुपए का लगाया अर्थदण्ड
-एडीजे फास्ट ट्रैक द्वितीय का फैसला , सास व ससुर को किया दोषमुक्त
संत कबीर नगर । दहेज के लिए पत्नी की जलाकर हत्या करने के आरोपी पति को अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक द्वितीय देवेन्द्र नाथ गोस्वामी की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास का सजा सुनाया । आरोपी पति अरुण कुमार मिश्र पर कोर्ट ने सजा के अतिरिक्त विभिन्न धाराओं में कुल 15 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी पति को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । कोर्ट ने आरोपी सास सावित्री देवी व ससुर चन्द्रेश्वर प्रसाद मिश्र को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का निर्णय दिया ।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अच्युतानंद शुक्ल ने बताया कि प्रकरण में मृतका की मां पार्वती देवी पत्नी श्रवण कुमार ग्राम झुड़िया थाना बखिरा ने अभियोग पंजीकृत कराया था । वादिनी का आरोप था कि उसने अपनी बेटी की शादी अरुण कुमार मिश्र पुत्र चन्द्रेश्वर प्रसाद मिश्र ग्राम डमरुबर थाना मेंहदावल के साथ दिनांक 9 मई 2015 को किया था । गौना दिनांक 22 अप्रैल 2016 को हुआ था । शादी में अपनी हैसियत के अनुसार आठ लाख रुपए खर्च हुआ था । शादी के कुछ दिन बाद पति अरुण कुमार मिश्र व सास सावित्री देवी दहेज में पल्सर मोटरसाइकिल की मांग करने लगे और पुत्री को प्रताड़ित करने लगे । मोटर साइकिल की मांग पूरी करने में असमर्थता व्यक्त करने पर दिनांक 13 जुलाई 2019 को मौका देखकर पति अरुण कुमार मिश्र , सास सावित्री देवी , ससुर चन्द्रेश्वर प्रसाद मिश्र पुत्र हरिद्वार मिश्र , जेठ अनिल मिश्र व ननद सरिता रात में जला दिए । दिखावा करने की नीयत से गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में ले गए और बताए कि ढिबरी से जल गई है । मायके वालों को कुछ नहीं बताया । पता चलने पर वादिनी गोरखपुर गई और बेटी को उपचार के लिए मेडिकल कालेज ले जाते समय पुत्री ने वादिनी को बताया कि ससुराल वाले जला दिए हैं । पुलिस ने दहेज हत्या का अभियोग पंजीकृत किया । विवेचना के उपरांत पुलिस ने पति , सास व ससुर के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अच्युतानंद शुक्ल ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल सात साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । जबकि बचाव पक्ष की तरफ से दो साक्षी प्रस्तुत किए गए । अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक द्वितीय देवेन्द्र नाथ गोस्वामी की कोर्ट ने आरोपी पति को दोषसिद्ध करार देते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई । कोर्ट ने सास व ससुर को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करने का निर्णय दिया ।