बिना आशय जानलेवा हमले के प्रयास के आरोपी दो भाईयों को पांच वर्ष का कारावास
-सरसों उखाड़ने के विवाद में हुई थी घटना , कोर्ट ने आरोपियों पर लगाया 22 हजार रुपए का अर्थदण्ड
संत कबीर नगर । बिना आशय जानलेवा हमले के प्रयास के आरोपी दो सगे भाईयों को अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई । आरोपी भाई हरिश्चन्द्र सिंह व अम्बरीष सिंह सैंथवार प्रत्येक पर कोर्ट ने सजा के अलावा विभिन्न धाराओं में 11 – 11 हजार रुपए कुल 22 हजार रुपए के अर्थदण्ड का भी फैसला सुनाया । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपियों को 15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । सरसों उखाड़ने के विवाद को लेकर घटना कारित करने का आरोप लगाया गया था ।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि मामला बखिरा थानाक्षेत्र के ग्राम बढ़या का है । प्रकरण में शारदा देवी पत्नी हरिश्चन्द्र ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उनका आरोप था कि दो दिन पहले हरिश्चन्द्र सिंह व अम्बरीष सिंह सैंथवार पुत्रगण जंगली सिंह ग्राम सिंहटीकर थाना बखिरा कुछ लोगों के साथ मेरा सरसों उखाड़ लिए थे । इस संबंध में मेरे पति हरिश्चन्द्र उलाहना देने गए थे । इसी रंजिश को लेकर दिनांक 22 दिसम्बर 2008 को सुबह पांच बजे दोनों भाई अपने सहयोगियों के साथ घर पर चढ़ आए और मेरे पति को मारने लगे । शोर पर बचाने गई तो उन्हें भी मारा पीटा । पति को घायलावस्था में लेकर बखिरा अस्पताल ले गए । चिकित्सक ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया । पुलिस ने पहले एनसीआर दर्ज किया । विवेचना के दौरान बिना आशय जानलेवा हमले के प्रयास समेत अन्य धाराओं और द्रौपदी देवी पत्नी हरिश्चन्द्र सिंह के नाम की बढ़ोत्तरी करके दो आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि विचारण के दौरान द्रौपदी देवी की मृत्यु हो गई । अभियोजन की तरफ से पांच साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने पक्षों की बहस सुनने व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी हरिश्चन्द्र सिंह व अम्बरीष सिंह को दोषसिद्ध करार दिया ।