1041वें जश्ने ए विलादत सैय्यद सालार मसूद गाज़ी रह. अलैह. दरगाह आंगन में जलेंगे घी के दीप
दरगाह शरीफ परिसर में अकीददमंद करेंगे चरागा रोशनी
ब्यूरो रिपोर्ट – दिलशाद अहमद
आज का भारत लाइव
बहराइच।
सुत्री सेंट्रल वक्फ बोर्ड नं 19 अंतर्गत विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत सैय्यद सालार मसूद गाज़ी रह. अलै. (गाज़ी मियां) का वार्षिक जश्ने ए विलादत (रोशनी) उर्दू कैलेंडर के अनुसार 21 शाबान को मनाया जाता है, 2025 में यह उर्दू तारीख 20 फरवरी को पड़ रही है जिसके लिए सूफी संत फकीर हजरत मसूद गाज़ी मियां के चाहने वालों ने तैयारियां शुरू कर दी है, विलादत उर्दू अल्फाज़ है इसका मतलब जन्म या पैदाइश होता है। हर वर्ष गाज़ी मियां के विलादत के मौके पर स्थानीय वह शहर वासियों के अलावा दूर दराज के गांव कस्बों जनपदों से गाज़ी के दीवाने दरगाह शरीफ आकर रोशनी करते है इसमें घी, मोमबत्ती, तेल आदि के दीप दरगाह शरीफ के मुख्य परिसर में जलाकर उसके सम्मति
तक बैठ कर रब से अपनी कामनाएं करते है। इस दिन को स्थानीय बहुत खास मानते है आसपास के मोहल्लों के लोग अपने घरों से टोलीवार आस्ताने गाज़ी पर फलों फूलों सब्जियों की डालियां वह खानपान के पदार्थ पेश कर गरीबों में बांटते है। शहर भर से गाज़ी के दीवाने चादर वह गागर की झाकियां आस्ताने गाज़ी
पर लाकर पेश करते है। इस अवसर पर दरगाह प्रबंधन वह प्रशासन भी समुचित व्यवस्था करता है ताकि आवागमन में किसी प्रकार की अव्यवस्था ना हो, साथ ही आवश्यकता अनुसार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाती है।
कई स्थानीय लोगों द्वारा परिसर के आसपास लंगर/भंडारे का आयोजन
किया जाताहै।वर्तमान में
दरगाह प्रबंधन के अध्यक्ष
बकाउल्लाह है।जिनके
अगुवाई में कमेटी वह टीम लगातार कार्य कर रही है। हाल ही में मीडिया से बातचीत में अध्यक्ष बकाउल्लाह ने बताया था हमारी टीम जायरीनों मेलार्थियों के हितों में कार्य करती रहेगी हमारा प्रयास रहेगा कि हम जायरीनों मेलार्थियों के लिए नि शुल्क शौचालय, ठहरने हेतु बड़े टीनशेड और स्थाई रैन बसेरा बनाए और जहां पर्याप्त स्थान है वहां पक्के शौचालय वह पेयजल का उचित प्रबंध कर जायरीनों को भेट कर सके हम सभी से संपर्क में रहकर सुझाव लेते रहेंगे और सभी से अनुरोध करेंगे कि गाज़ी मियां के आस्ताने पर आने वाले मेहमानों जायरीनों की सेवा में हमें सहयोग दें। हालांकि आगामी जेठ मेले को मात्र 2 माह बचे है और कई अहम कार्य है जो जायरीनों के हितों में प्रबंधन को करने होंगे जैसे सभी बागों में बेहतर पेयजल, नहाने हेतु प्रदानुमा स्थान, शौच हेतु पक्के या मोबाइल टायलेट एवं भीड़ भाड़ वाले बागों में उचित रास्ते का प्रबंध मुख्य गेटों पर नाम वह नंबर मेला परिसर वह दुकानों में अधिक से अधिक कमरों को लगाना वह गर्मियों में ठहराव वाले स्थानों पर टेंट आदि साथ ही दुकानदारों को फायर सेफ्टी ट्रैनिंग ऐसे कई बुनियादी बातों पर प्रबंधन को पुनः विचार करना होगा ताकि आने वाले श्रद्धालुओं जायरीनों मेलार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए।