भक्त और भगवान तथा आत्मा का परमात्मा से मिलन ही विवाह!!
दिलशाद अहमद – आज का भारत लाइव न्यूज !!
बहराइच– भक्त से भगवान का मिलना और आत्मा का परमात्मा से मिलन ही विवाह है।जो अनुभूति परमात्मा से मिलन में होती है।उस मिलन के बाद सांसारिक मोह माया सब छूट जाता है।
रिसिया कस्बे के आदर्श जायसवाल के आवास पर चल रही श्री मद भागवत पुराण महा कथा के सातवे दिन प रवि शंकर जी महराजगुरु भाई ने श्री कृष्ण और रूक्मणी संग विवाह का प्रसंग सुनाया,किस तरह से रुक्मी अपनी बहन रूक्मणी की शादी शिशुपाल से करना चाहता था,परंतु रूक्मणी के दिल में तो श्री कृष्ण का वास था,उन्हे ही अपना पति परमेश्वर मान चुकी थी,जब शादी का समय आया,तो रूक्मणी ने मंदिर जाने के बहाने श्री कृष्ण को आमंत्रित किया,तब श्री कृष्ण ने आकर रूक्मणी का हरण किया था,रूक्मणी को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।और भगवान श्री कृष्ण ने रूक्मणी संग विवाह कर लिया,इस प्रसंग को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया है ।इसी समय भजन और शोहर गाए गए, ऐ री सखी मंगल गाओ री, खुशियां मनाओ, रीआज मेरे पिया घर आयेंगे। इन भजनों से श्रद्धालु जन झूम उठे। इस कथा में नेपाल सेभी श्रद्धालु जन आए
इस अवसर पर संजय जायसवाल प्रमुख प्रतिनिधि,राम किशुन,इंद्र बहादुर सिंह,आदर्श जायसवाल, महेश अग्रवाल, मोनू जायसवाल, अनुतोश कमल,प्रांशु,धैर्य सहित शामिल रहे है।