देश की सम्प्रभुता को खतरे में डालने के दो आरोपियों का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त
संत कबीर नगर । देश की सम्प्रभुता , अखण्डता को खतरे में डालने व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के दो आरोपियों का जमानत प्रार्थना पत्र जनपद एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा प्रथम की कोर्ट ने निरस्त कर दिया । आरोपी अमजद व आलम उर्फ पुतुल पर एक अन्य आरोपी समीर के साथ वारावफात के दिन भारत की सम्प्रभुता , एकता , अखण्डता को खतरे में डालने तथा देश विरोधी वक्तव्य देने वाले दो पाकिस्तानी मौलवियों का बैनर लगाने का आरोप लगाया गया है ।
मामला जिले के मेंहदावल नगर पंचायत के ठठराही मोहल्ले का है । जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रकरण में मेंहदावल थाने के उप निरीक्षक अनिल प्रकाश पांडेय ने अभियोग पंजीकृत कराया है । उनका आरोप है कि दिनांक 16 सितम्बर 2024 को मेरी ड्यूटी वारावफात जुलूस सम्पन्न कराने के लिए मेंहदावल कस्बे में लगी थी । ड्यूटी के दौरान नगर पंचायत के मोहल्ला ठठराही पंहुचा तो देखा कि रोड पर बने गेट में एक बैनर बंधा हुआ है । इसमें असदुद्दीन ओबैसी , मुफ्ती सलमान अजहरी तथा पाकिस्तानी मौलवी मौलाना कादिम हुसैन रिजवी एवं मौलाना पीर अजमल कादरी का फोटो लगा हुआ है । दोनों पाकिस्तानी मौलवी भारत की सम्प्रभुता , एकता व अखण्डता को खतरे में डालने वाले वक्तव्य देते रहते हैं । उनके द्वारा बोले गए शब्दों से अन्य धर्म के समूह के व्यक्तियों में शत्रुता , घृणा तथा सौहार्द बिगड़ने की पूरी सम्भावना है । भारत विरोधी व्यक्तियों को महिमा मण्डित किया गया है । इस प्रकार के दृश्य रुपण से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की प्रबल सम्भावना है तथा लोक शांति में विघ्न पड़ रहा है । जांच करने पर पता लगा कि समीर पुत्र आलम मुस्तफा उर्फ पप्पू , अमजद पुत्र अब्दुल रहमान कादरी और आलम उर्फ पुतुल पुत्र आलमगीर उर्फ गब्बू निवासी मोहल्ला हरदी हट्टा थाना मेंहदावल द्वारा उक्त बैनर जानबूझकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने एवं राष्ट्रीय सम्प्रभुता को खतरे में डालने के उद्देश्य से लगाया गया है । पुलिस ने उक्त तीनों आरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया । आरोपी अमजद व आलम उर्फ पुतुल के जमानत प्रार्थना पत्र का जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने विरोध किया । सुनवाई के पश्चात जनपद एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा प्रथम की कोर्ट ने दोनों आरोपितों का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया ।